स्कीग/राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर पूसा नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम धन-धान्य कृषि योजना एवं दलहन आत्मनिर्भरता मिशन का शुभारंभ किया ,
रिपोर्ट/सुमित कुमार
स्थान/ उत्तरकाशी
कार्यक्रम में कृषि अवसंरचना कोष, पशुपालन, मत्स्य पालन एवं खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की 1100 से अधिक परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया गया। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण जिले में भी देखा गया। जिसमें जिले के किसानों ने बड़ी संख्या में प्रतिभाग किया।
शनिवार को जिला प्रेक्षागृह में कृषि विभाग के तत्वावधान में सीधा प्रसारण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष रमेश चौहान एवं जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में जिले के 100 से अधिक प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया और नई कृषि योजनाओं के संबंध में जानकारी प्राप्त की। इस दौरान अध्यक्ष जिला पंचायत एवं जिलाधिकारी ने किसानों को कृषि यंत्र भी वितरित किए। इस दौरान कृषि,उद्यान,मत्स्य,रिप,पशुपालन विभाग द्वारा विभागीय स्टॉल स्थापित किए गए।
जिला पंचायत अध्यक्ष रमेश चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई पीएम धन-धान्य कृषि योजना और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन किसानों के लिए परिवर्तनकारी पहल है जो न केवल कृषि क्षेत्र में उत्पादकता बढ़ाएगी बल्कि किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में सतत आगे बढ़ रहा है और कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए सरकार अनेक योजनाएं संचालित कर रही है।
जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा आज पीएम धन-धान्य कृषि योजना एवं दलहन आत्मनिर्भर मिशन की शुरुआत देश के आकांक्षी जिलों में की गई है।जिसमें प्रदेश के दो जिले अल्मोड़ा व चमोली भी शामिल है। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत भारत सरकार की 36 अन्य योजनाओं के साथ समेकित इंटीग्रेटेड रूप में लागू किया जाएगा। जिससे किसानों को योजनाओं का समग्र लाभ एक साथ प्राप्त हो सकेगा। जिलाधिकारी ने कहा कि कृषि विभाग द्वारा आकांक्षी जिलों एवं आकांशी ब्लाकों में योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने किसानों से कहा कि वे अपनी भूमि की प्रकृति,जलवायु और स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार फसलों का चयन कर उत्पादन बढ़ा सकते हैं।जिलाधिकारी ने किसानों को वैज्ञानिक कृषि पद्धतियों,फसल विविधिकरण, जैविक खेती और समूह आधारित खेती अपनाने के लिए प्रेरित किया।